आमचो बस्तर – सुन्दर बस्तर असने नि बलुआत, आमचो पूरा बस्तर संभाग ने आमचो धरती आया सुन्दर-सुन्दर नंदी, डोंगरी, जलप्रपात आउर रंग-रंग चो दखतो जगह मन बनाउन आमन मन के उपहार दिली से |
आजी आमी मंडवा झरना/जलप्रपात के कंडिक जानून दखवां, तीरथगढ़ ले कंडिक नानी आय मांतर सुन्दर खुबे दखा देऊ आय | मंडवा झरना, आमचो जिला-बस्तर चो विकासखंड दरभा चो ग्राम पंचायत ढोढरेपाल ने आसे |
मंडवा झरना, बेड़ा मन बाटले पाट-पाट करुन 70-80 फीट उपर ले गसरु आय | दखलो ने एकदम तीरथगढ़ असन लागेदे और मन के बले उसने मोहायेदे, तेबेय एके नानी तीरथगढ़ बले बलुआत | मंडवा झरना चो पानी ऊपर ले गसरुन खाले गोटोक कुंड बन ली से उता जमा होऊ आय और धीरे-धीरे खेलते-खुदते तीरथगढ़ बाटे जाहुन कांगेर धारा संगे मिलुन भाति हरिक ने संगे रउआत |
झरना चो उपरे, एपाट-उनपाट बड़े-बड़े पखना मन आसे और मंजारे कल-कल पानी झरून जायेसे, चड़ई-चिउर मन चो सुन्दर-सुन्दर चां-चां, चींचीं सुनुन आउर मन मोहातो झरना के दकुन मन के आउर शरीर के अस्तिर मिरलो असन लागू आय |
मंडवा झरना के दखतो काजे लोग मन आजकल खुबे एउक मुरियालासोत, पानी-बरसा चो महिना जुलाई ले धरून शीत बेरा चो महिना नवम्बर-दिसंबर तक ये झरना ने पानी रहू आय, फेर गर्मी बेर सुखलो भाटा आय जानू, उन्ही काजे समय के दखुन जुलाई ले नवम्बर महिना चो भीतरे सपाय माई-पिला के दरुन बुलुक ईया आउर हरिक मन ने जीया-पिया-खाआ और काकेय झगडा नि करा |
मंडवा जातो काजे तुमन मन के राष्ट्रीय राजमार्ग 63
(जगदलपुर ले गीदम मार्ग) ने मावलीभाटा ले कटुक पड़ेदे नाहले डिलमिली बाट ले गेलो ने
बले अमरुक सका से, दुनो बाट ले उतरी पडू आय | जगदलपुर ले मावलीभाटा चो दुरी 30
किलोमीटर असन पड़ेदे | मावलीभाटा/डिलमिली ले
मंडवा झरना 5-6 किलोमीटर दुरी ने आसे | चकाचक सड़क बनली से आउर आजकल पंचायत बिता मन
गाड़ी किराया दरसोत(50-100-200), संगे पैसा बले दरुन जाऊ रहा |
यह लेख बस्तर संभाग क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली/भाषा - हल्बी में लिखा गया है जिसकी लिपि देवनागरी है |
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