सद्भावना दिवस - राजीव गांधी जयंती - 20 अगस्त

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|| सद्भावना दिवस - राजीव गांधी जयंती ||





प्रतिवर्ष सद्भावना दिवस 20 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन राजीव गांधी के जन्म दिन दिवस पर मनाया जाता है। इस साल उनकी 77वीं जयंती है।

इस दिन देश भर के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य अपने पूर्व नेता राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देकर उनकी फोटो पर माल्यार्पण करने तथा दीपक जलाकर उन्हें याद करते हैं। और दिल्ली में स्थित राजीव गांधी की समाधी स्थल वीरभूमि में राजीव गांधी का परिवार, मित्र, रिश्तेदार और कांग्रेस पार्टी के मुख्य लोग वहां इक्कठे होकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। 

 इस दिन के आयोजन का उद्देश्य राजीव गांधी के द्वारा किए गए उनके अविस्मरणीय प्रयास, राष्ट्र प्रगति के कार्य तथा उनके द्वारा किए गए अन्य अभूतपूर्व योगदान को याद करना है। साथ ही राष्ट्र प्रगति के लिए उनके जुनून और योगदान को पूरा करने के लिए सद्भावना दिवस मनाया जाता है। भारत एक विकसित देश बनें और भारत विकास ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, ऐसा राजीव जी चाहते थे और उनका मानना भी था।

 वे एक युवा नेता थे। राजीव गांधी ने देश के विकास के लिए युवा शक्ति को सबसे उपर रखा था।राजीव गांधी के भाषण के दौरान जो वे देश के विकास के लिए उत्साही और प्रेरणादायक शब्द कहते थे, वे आज भी सुनने तथा उनकी जयंती पर उनके भाषण को याद किया जाता है। राजीव गांधी के कार्य, उनकी छवि, उनके उत्साही भाषण और प्रेरणादायक शब्द आज भी देश के युवाओं को प्रेरित कर‍ते हैं।

राजीव गांधी 40 साल की उम्र में भारत के सबसे कम उम्र के पीएम बने। राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के पीएम रहे। देश के लिए उनके विजन और समाज की बेहतरी में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वह हमेशा भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते थे। उन्होंने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, गुंडा राज को कम करने और पंचायती राज सहित कई बड़े फैसले लिए। उनकी नीतियों पर चलकर आज देश विकास की ओर बढ़ रहा है।राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार उनकी मृत्यु के एक साल बाद 1992 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा स्थापित किया गया था।


|| सद्भावना दिवस की प्रतिज्ञा ||

मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्र, धर्म अथवा भाषा का भेदभाव किए बिना सभी भारतवासियों की भावनात्मक एकता और सद्भावना के लिए कार्य करूंगा। मैं पुन. प्रतिज्ञा करता हूं कि मै हिंसा का सहारा लिए बिना सभी प्रकार के मतभेद बातचीत और संवैधानिक माध्यमों से सुलझाऊंगा ।


I take this solemn pledge that I will work for the emotional oneness and harmony of all the people of India regardless of caste, region, religion or language.  I further pledge that I shall resolve all differences among us through dialogue and constitutional means without resorting to violence.


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